Sunday, October 7, 2018

कंप्यूटर मेमोरी क्या है| what is Computer memory.

मेमोरी
  कंप्यूटर मेमोरी क्या है| what is Computer memory.





यह मेमोरी मस्तिष्क की तरह पिछले कार्य को संग्रहित करने की क्षमता रखती है |
 " डाटा  संग्रहित करके रखने की क्षमता को मेमोरी कहते हैं|"
शुद्ध भाषा में  पिछले कार्य  को याद करना ही मेमोरी कहलाता है | कंप्यूटर में मेमोरी को स्टोर करने के लिए सिलिकॉन चिप्स का उपयोग किया जाता आदि और हार्ड ड्राइव डीवीडी पेन ड्राइव   आदि का  भी, उपयोग  स्टोर करने में क्या जाता है|
  मेमोरी के बिना कंप्यूटर एक डब्बा के समान क्योंकि मेमोरी के बिना न ऑपरेटिंग सिस्टम डालेगा , ना ही कोई एप्लीकेशन
 तो आप काम किस में करेंगे इसलिए मेमोरी के बिना कंप्यूटर एक डब्बा  हैं , जो किसी काम का नहीं है |
   कंप्यूटर में जो की मेमोरी स्टोर होती है, वह वायनरी डिजीज 0 और 1 के रूप में स्टोर रहती है | जिसे हम मशीन लैंग्वेज भी कहते हैं|
 मेमोरी के प्रकार
  मेमोरी  मुख्य  तह दो प्रकार की  होती है|

  1.     Volatile memory  

    यह मेमोरी को  अस्थाई रूप से संग्रहित करता है|
 2.     Non volatile memory
   यह मेमोरी को स्थाई रूप से संग्रहित करता है |
 


  •  आगे मेमोरी 
  •  प्राइमरी मेमोरी 
  •  सेकेंडरी मेमोरी
  •  कैश मेमोरी
  •  फ्लैश मेमोरी

 
     
 
प्राइमरी मेमोरी
        .             प्राइमरी मेमोरी डाटा को  अस्थाई रूप से संग्रहित करती है| यह कंप्यूटर में उपस्थित मेमोरी का कुल भाग होता है| प्राइमरी मेमोरी को दो भागों में विभाजित किया गया RAM और ROM
 अभी तक आपने जाना कंप्यूटर मेमोरी क्या है | इसके बाद मेमोरी के प्रकार, प्राइमरी मेमोरी अब हम RAM  के बारे में जानेंगे

RAM  क्या है
        RAM का पूरा अर्थ रेंडम एक्सेस मेमोरी  (random Access memory)होता है | यह मेमोरी अस्थाई रूप से डाटा को संग्रहित करता है, और या हार्डवेयर से डाटा को  रीड और राइट करता है| या सिलिकॉन चिप्स पर आधारित है   यह मेमोरी सभी मेमोरी से फास्ट काम करती है| यह सिस्टम बंद होने के बाद अपना डाटा खो देती है
     

RAM के दो प्रकार होते हैं|
       
  SRAM(static random access memory)
  DRAM(Dynamic random access memory)

Rom क्या है |

 इसका पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी (read only memory) है|
यह में memory को स्थाई रूप से संग्रहित करके रखता है , यह पावर बंद होने के बाद भी डाटा को संग्रहित रखता है|
  ROM  एक प्रकार से    Non volatile memory है
  ROM  के प्रकार

PROM
(Programmadle Read only memory )
EPROM
(Erasable Programmadle Read only) memory
EEPROM
(Electrically  Erasable Programmadle Read only memory )

 सेकेंडरी मेमोरी क्या है |
 
 यह deta को स्थाई स्टोर करके रखता है
   सिस्टम के पावर ऑफ होने के बाद भी , डाटा  नष्ट नहीं होता हैं | सेकेंडरी मेमोरी के उदाहरण
 जैसे
   hard disk ,  floppy disk,  Magnetic tape, CD ( compact disk) , DVD( digital video disc) , pen drive ,  memory card , zip drive , hard disk drive
  यह सभी सेकेंडरी मेमोरी में आती है | यह सभी Non volatile memory  मेमोरी है|
 अभी तक आपने जाना कंप्यूटर मेमोरी क्या है , प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी,  ROM ,RAM, आदि
 मेमोरी की इकाई
 8 Bites =  1 Bytes
         1KB       = 1024 Bites
         1MB      = 1024 KB
         1GB       = 1024 MB
         1TB       = 1024 GB
         1PB       = 1024 TB

   आप कन्फ्यूजन तो नहीं होगी कंप्यूटर मेमोरी क्या है  , यदि कोई कंफ्यूज हो तो कमेंट करो

Thursday, October 4, 2018

Bluetooth kya hai bluetooth ka aviskar kab hua tha


ब्लूटूथ आजकल हर एक डिवाइस में आता है यह लगभग घड़ी से लेकर स्मार्टफोन कंप्यूटर और होम थिएटर सभी चीजों में data exchange करने के लिए उपयोग किया जाता है  इससे डाटा  सेंड और रिसीव कर सकते है  यह wireless माध्यम data exchange करता है इसमें केवल की जरूरत नहीं होती है  इसकी स्पीड वाईफाई से कम है फिर भी जा बहुत यूज किया जाता है 


यह 2008 में ओनली 5%  डिवाइस में हुआ करता था आज 80%  डिवाइस में ब्लूटूथ आते हैं यह कम दूरी के कम्युनिकेशन के लिए यूज किया जाता है इसमें एक साथ बहुत सारे डिवाइस पर कनेक्ट किया जाता है इसमें एक मास्टर डिवाइस होता है  




 यह रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करता है जो 2,400-2,483.5  MHz के फ्रीक्वेंसी  मैं काम करता है यह कम ऊर्जा में काम करने वाला डिवाइस है इसमें बहुत ही कम ऊर्जा की खपत होती है इसका साइज 1 इंच से भी छोटा हो सकता है 




 इसकी स्पीड की बात करें तो यह  बहुत धीरे-धीरे data exchange करता हैं  इसकी स्पीड में  बढ़ोतरी की गई है इसके आने वाले वर्जन में बहुत ही अधिक स्पीड देखने को मिली है इसका  latest version 4 ब्लूटूथ की सबसे  वर्जन first version 1.1 से बहुत तेज था  ब्लूटूथ की 1 मिनट में  डाटा exchange स्पीड  प्रति सेकंड 1-3 MBit है  इसका आविष्कार   1994 में हुआ था  इसे हार्टसन द्वारा विकसित किया गया था 
आजकल स्मार्टफोन से ब्लूटूथ के जरिए बहुत कम डेटा ट्रांसफर हो रहा है क्योंकि बहुत सारी आँखें आती है जो ब्लूटूथ से फास्ट और यूजर फ्रेंडली होती है


  •  🔘 ब्लूटूथ के Advantage 


  1.  ब्लूटूथ बहुत ही सस्ता होता है
  2.  कम पावर यूज करता है
  3.  ब्लूटूथ बहुत  छोटा होता है 
  4.  यह वायरलेस डिवाइस है
  5.  यह डाटा ट्रांसफर सिक्योरिटी प्रोवाइड करता है
  6.      पैकेट स्विचिंग टेक्निक  के द्वारा ब्लूटूथ डाटा ट्रांसफर करता है



  • 🔘 ब्लूटूथ के Disadvantage


  1.  इसकी स्पीड बहुत धीमी  होती है
⛤🔯Download PDF

Saturday, September 29, 2018

what is Software




सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है, आजकल काम के हिसाब से Software का निर्माण किया जाता है, जैसा काम वैसा Software । Software को बडी बडी कंपनियों में यूजर की जरूरत को ध्‍यान में रखकर Software programmers द्वारा तैयार कराती हैं, इसमें से कुछ free में उपलब्‍ध होते है तथा कुछ के लिये चार्ज देना पडता है। जैसे आपको फोटो से सम्‍बन्धित कार्य करना हो तो उसके लिये फोटोशॉप या कोई वीडियो देखना हो तो उसके लिये मीडिया प्‍लेयर का यूज करते है।


Computer On होने के बाद Software सबसे पहले RAM में Load होता है तथा C P U में Execute (क्रियान्वित) किया जाता है| यह Machine Language में बना होता है, जो एक अलग Processor के लिए विशेष होता है| यह High Level Language तथा Assembly Language में भी लिखा जाता है|



  • सॉफ्टवेयर की आवश्यकता क्यों होती है


जिस प्रकार मनुष्य का शरीर दिमाग के बिना कुछ नहीं कर सकता उसी प्रकार कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के बिना कुछ नहीं कर सकता है सॉफ्टवेयर के बिना  कंप्यूटर डब्बे के समाने जब तक इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम ना हो यह काम नहीं करेगा अर्थात कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम होना जरूरी होता है ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा भी कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर होते हैं जिन्हें हम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहते हैं एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अलग-अलग काम के हिसाब से अलग-अलग होती हैं | या जिस काम के लिए बनी होती है सिर्फ वही काम करते हैं|


  • सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Software)


कम्प्यूटर Software को तीन भागो में विभाजित करता है | सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software), अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software) और Utility Software.


  • सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)


ऐसी सॉफ्टवेयर जो सिस्टम को नियंत्रित करते हो सिस्टम सॉफ्टवेयर कहलाती है

या

ऐसा सॉफ्टवेयर जो  हार्डवेयर को नियंत्रित करते हैं ताकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अपना कार्य पूरा कर सके सिस्टम सॉफ्टवेयर कहलाते हैं


  • Application software  


एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software), कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का एक उपवर्ग है जो User द्वारा इच्छित काम को करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं|

“Application Software वे Software होते है जो User तथा Computer को जोड़ने का कार्य करते है|”




जो कंप्यूटर को Repair कर Computer कि कार्यक्षमता को बढ़ाते है तथा उसे और कार्यशील बनाने में मदद करते हैं|”

Wednesday, September 12, 2018

Facebook में कलरफुल तरीके से टेक्स्ट कैसे लिखें

Facebook में कलरफुल तरीके से टेक्स्ट कैसे लिखें
नमस्कार 

 दोस्तों TeCHNiCaL KNoWLeDGe में आप का स्वागत हैं 
यदि आप भी Facebook में अच्छे अच्छे स्टेटस डालना चाहते हैं वह भी कलरफुल तरीके से तो आप सही जगह पर हैं मैं आपको बताऊंगा कि आप किस तरह फेसबुक लाइट में कलरफुल तरीके से स्टेटस डाल सकते हैं इसके लिए आपको कोड  की जरूरत होती है जिसे मैंने नीचे लिख दिया आप वहां से कॉपी कर सकते हैं जो कलर आपको चाहिए उस कलर का कोड  आप कॉपी कर लीजिए आपको कलर के हिसाब से कोड  डालना होगा हर कलर के लिए अलग-अलग कोड  हैं

  • <fg=b0ffd700> Golden
  • <fg=b0000000> Black
  • <fg=b0ff7f00> Orange
  • <fg=b0ffff00> Yellow
  • <fg=b0ff00ff> Light pink
  • <fg=b0ff00ff> Dark pink
  • <fg=b0ff0000> Redish pink
  • <fg=b0800000> Brown
  • <fg=b0ffc0cb> Light purple
  • <fg=b06f00ff> Dark Blue
  • <fg=b0c0c0c0> Grey
  • <fg=80ffffff> Sky Blue
  • <fg=b000ffff> Light Blue
  • <fg=b0bf00ff> Purple
  • <fg=b08f00ff> Dark Purple
  • <fg=b0808000> Mehandi Green
  • <fg=b0f000f0> Majenta
  • <fg=b00000ff> Blue
  • <fg=b0b08080> Steel Grey
  • <fg=b0000080> Movve
  • <fg=b0964b00> Light Brown
  • <fg=f0f00f0f> Red
  • <fg=b000ff00> Green
fb  में auto like बढओ इस aap से ?
 जरा इनको पेस्ट करना है इसके लिए मैंने नीचे example के रूप में फोटो एंड टेक्स्ट डाल दिए
example:- <fg=b00000ff>TeCHNiCaL knowledge =
TeCHNiCaL knowledge 

कुछ फोटो सब को समझने के लिए

Fry

आपको हमारी जानकारी कैसी लगी कमेंट करके बताइए आपका फीडबैक हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि हम आने अपनी पोस्टों में सुधार  करेंगे

Sunday, September 2, 2018

YouTube में video rank कैसे करे या search list में कैसे लाये

 YouTube में  video  rank कैसे करे या search list में कैसे लाये 
नमस्कार 
 दोस्तों TeCHNiCaL KNoWLeDGe में आप का स्वागत हैं 

दोस्तों की यदि आपके पास कोई you tube chennael  और आपके वीडियो वायरल नहीं हो रहे है, तो आप सही जगह पर आये हैं | मैं आपको बताऊंगा कि आप वीडियो वायरल कैसे कर सकते हैं और सर्च लिस्ट में भी  first या second में अपने video को ला सकते हैं ,   इसके लिए आपको tags  अच्छे डालने होगे | और tags डालने में यदि आपको परेशानी होती है,
     तो हम आपके लिए है  इस problem का solution मे लेकर आया हूँ
एक एसी website जो आपके video से related topic . के tag प्रोवाइड कराती है और साथ ही thumbnail picture भी topic से related मिल जायेगी आप इन thumbnail picture को edit करके एक बेस्ट और attractive thumbnail picture बना सकते हो

  •  इस वेबसाइट का नाम

www.tagsyoutube.com
आप इस वेबसाइट में जाएंगे तो आपको इसमें search bar मिलेगा और आपको category choose करना होगा कि आपको tag चाहिए या फिर thumbnail pic
ईस के search bar बार में आपके वीडियो के  title को  copy करके वहां पर paste करने और search करते ही उस से related tag आपको यह provide करा देगा हैं  और जो teg अच्छे लगे copy  करके अपने teg box  में बे paste  और thumbnail pictures भी download करके उसे edit करके आप अच्छे से अच्छे thumbnail  बना सकतेे हैं
आप जानते ही होगे  यदि thumbnail अच्छा ना हो तो video rank नहीं करता क्योंकि यदि वीडियो का thumbnail attractive  हुआ तो उसे कोई भी open कर देखता हैं |और आपकी video rank नहीं करता है , और इसलिए यह वेबसाइट बहुत ही अच्छे  करें tags और Tamil provide करती हैं








दोस्तों हमारी वेबसाइट में सबसे अच्छी कौन सी बात लगी कमेंट में लिखें

धन्यवाद

Thursday, August 30, 2018

इंटरनेट का इतिहास

 Hello friends Welcome to TechiNCaL KNoWLeDGe. 
www.technicalknowledge.ooo


Talk about Internet, it is not a miracle like this. As fast as the development of the internet Everybody uses the internet nowadays, we have to remember that old period People are so fast connected to the internet, that you can not think of every job you can do the internet, can buy food from the bill and doing a lot of things on the internet. You can make money from the Internet, then the internet so Fektiv that everyone has it in no time  adopted 
So let's go 
Know the history of internet
The Internet was first invented in America It was created in 1969 by the DOD  (Department of Defense) 
The internet was not invented by any one person, many experts had made it together The reason for its formation was the war between America and Russia. When the nuclear attacks on America and Russia began to threaten them, the US Department of Defense planned to make a system that was planning to make a network by connecting all the computers of the country. 
There should be no center of this system, if any one was in the center, then the center would be damaged, the whole system will be closed 
(As an example, if it were in India in America's place, if the center of the internet was made like Delhi, and if a nuclear bomb was destroyed in Delhi then the entire internet system would be shut down, hence no center of the system would be created.
 So there should not have been any   reason for this, because the communication system closed due to the radiation emanating from the atom bomb, due to the breakdown of its own staff, the US Department of Defense had created a network-like system in which all computers The cables were added through which if any computer was harmed then all would continue and thus any leader or officer of any bunker in America The message was sent to Ri and the receipt was made. This system was first called ARPANET and later it went to the InternetWas named ARPA was appointed to create the net and made ARPANET, which had no center, all computers connected to each other, all the major computers of the country were connected to each other. After a few years the cold war ended. After the Cold War ended, the American government handed it over to the public use. And by the time 1990 came   to know the name of the Internet instead of Arpanet  , there was no World  Wide Web in the Internet nor any domino. If you need data from the net, then you should know that if you do not know the data on which computer You could not get that data, thus  Arpanet used to  work.

 Internet beginning  World  Wide occurs after the web It  was the World Wide Web began to the general public on August 6 L99l  | The World Wide Web (www)Mail was created using the gender and pages, so if you had to obtain any data, then you did not have to know that in   which computer the data is in. And after the start of the World Wide Web, how many big companies started Google, Yahoo Facebook, Amazon and YouTube, WhatsApp 
The internet is free for us but we have to pay a charge so that the money which is used to lay the fiber optic cable on the sea route and repair the money, and the money that the company invests to the money, you charge them for the transfer of data. That's why you have to pay internet money or otherwise the Internet is free of cost. 
   If the post is good comment and subscribe to our website

Sunday, August 26, 2018

Li-Fi क्या है ?



 Li-Fi क्या है


नमस्कार दोस्तों TeCHNiCaL KNoWLeDGe में आप का स्वागत हैं |
• Li-Fi क्या है|
• Li-Fi का पूरा नाम 
• Li-Fi खोज कहां और किसने की|
• Li-Fi क्या काम करता है|
 जानने के लिए आगे पढ़े
वाईफाई टेक्नोलॉजी वाईफाई से बेहतर है क्योंकि वाईफाई में बहुत सी खामियां हैं पर अभी लाइफ आई का विकास नहीं हुआ इसलिए Li-Fi में भी बहुत खामियां हैं भविष्य में जाकर वाईफाई की जगह में व्यक्ति Li-Fi यूज करना बेहतर समझेगा Li-Fi की खोज सन 2011 में हुई है यानी कि Li-Fi बीसवीं सदी का प्रोडक्ट है
अभी भी Li-Fi के बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता हमने  wireless बनाने के लिए Wi-Fi का इस्तेमाल किया जो रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करता है पर Li-Fi इसके विपरीत 💡light  पर काम करता है अब 💡light की रोशनी जहॉ आपका Li-Fi में सिग्नल होगा यह फ्यूचर की टेक्नोलॉजी लगती है पर कुछ दिनों में हम इस टेक्नोलॉजी का यूज भी कर रहे होंगे
 चलिए जानते हैं Li-Fi के बारे में

✡️मोबाइल फोन का इतिहास
✡️Computer का  इतिहास |

🔘Li-Fi का पूरा नाम 

  • Li-Fi =Light Fidelity
  • लाई-फाई =लाइट फिडेलिटी 



🔘Li-Fi खोज कहां और किसने की
  • इसकी खोज एडिनबर्ग विश्वविद्यालय मै सन 2011 में हुई थी इस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेराल्ड हास ने Li-Fi की खोज की थी
🔘लाई-फाई की विशेषता

  •  Li-Fi WiFi  से  ज्यादा सिक्योर है
  • Li-Fi  की स्पीड Wi-Fi  से 100 गुना ज्यादा होती है क्योंकि Wi-Fi radio frequency का यूज करता है और Li-Fi tight frequency का  

🔘Li-Fi के दोष

  • Li-Fi सिग्नल दीवार के आर पार नहीं जा सकता है यही इस  का सबसे बड़ा दोष है

🔘Li-Fi क्या काम करता है


  •   Li-Fi Wi-Fi की तरह इंटरनेट प्रोवाइड कराता  है यह वायरलेस माध्यम बनाता है यह लाइट के माध्यम से डाटा को मोबाइल तक और मोबाइल से ट्रांसमीटर का पहुंचाता है और इस तरह डिवाइस इंटरनेट से जुड़ जाता है  और यह WiFi से सौ गुना तेज है